रांची टेस्ट का विकेट: डर का खेल या रणनीतिक रस्साकशी?
भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट मैच से पहले रांची के विकेट ने सुर्खियां बटोरी हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाज़ ओली पोप ने जहां इसकी दोहरी बनावट पर चिंता जताई है, वहीं भारत के खेमे में भी कोच राहुल द्रविड़ की चिंतित मुद्रा सवाल खड़े करती है। तो क्या रांची का विकेट वाकई इंग्लैंड के लिए दुःस्वप्न बनने वाला है, या यह सिर्फ एक रणनीतिक चाल है? आइए इस मामले को गहराई से समझते हैं।
इंग्लैंड की आशंकाएं:
इंग्लैंड के खेमे की सबसे बड़ी चिंता विकेट का दोहरा रूप है। एक हिस्सा सूखा और दरारों से भरा है, जबकि दूसरा गंजा और भूरा है। पोप को डर है कि यह भारत के लिए एक “क्रूर टर्नर” बिछाने की चाल हो सकती है, खासकर जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में, जो इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाले गेंदबाज़ रहे हैं। उनका मानना है कि हाल ही में पानी देने और धूप में रखने से दरारें तेजी से बढ़ सकती हैं।
इतिहास का पाठ:
हालांकि 2017 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को भी रांची के विकेट का रंग देखकर डर लगा था, लेकिन मैच काफी रोमांचक रहा और ड्रॉ में खत्म हुआ। दरअसल, यहां की काली मिट्टी धीमी गति से टर्न देती है और आमतौर पर खेल के बाद के चरणों में टर्न शुरू होती है।
भारत का नज़रिया:
भारतीय बल्लेबाज़ शुभमन गिल का कहना है कि भारतीय पिचों पर थोड़ा टर्न होना स्वाभाविक है। लेकिन यह टर्न कितनी तेज होगी, यही सवाल बना हुआ है। पोप का मानना है कि अगर यह वास्तव में एक तेज टर्नर बन जाता है, तो इंग्लैंड शिकायत नहीं करेगा। उनके अनुसार, “अगर गेंद पहले ही गेंद से घूमती है, तो यह एक समान खेल का मैदान है। यह परिणाम को निर्धारित नहीं करता है, लेकिन टॉस जीतकर थोड़े सपाट विकेट पर बल्लेबाजी करने से आपको फायदा होता है।”
लेकिन एक सवाल अभी भी बना हुआ है…
राहुल द्रविड़ की पिच के बारे में चिंतित मुद्रा और उसके बाद ग्राउंड्समैन को पिच को ढकने का निर्देश, इस पूरे मामले में एक और रहस्य जोड़ता है। क्या यह सिर्फ अटकलों को हवा देने की रणनीति है या कुछ और?
निष्कर्ष:
अभी यह कहना मुश्किल है कि रांची का विकेट वाकई इंग्लैंड के लिए मुश्किल खड़ा करेगा या नहीं। यह मैच के दौरान ही पता चलेगा। लेकिन इस पूरे मामले से एक बात तो साफ है कि क्रिकेट सिर्फ मैदान पर गेंद-बल्ले का खेल नहीं है, बल्कि रणनीति, मनोविज्ञान और सूचनाओं का भी जटिल खेल है। आने वाले दिनों में रांची टेस्ट मैच ना सिर्फ दोनों टीमों के कौशल का परीक्षण करेगा, बल्कि उनकी रणनीतिक चतुराई भी परखेगा।